Rupinder singh gandhi biography scandal

Masao maki biography of georgetown

कैसे पंजाब का एक बेहतरीन खिलाड़ी बना कुख्यात गैंगस्टर जिसे लोग मानते थे रॉबिनहुड

पंजाब में कई सारे गैंगस्टर हुए लेकिन एक नाम ऐसा था जिसने कम उम्र में अपनी पहचान पूरे सूबे में बना ली थी। इस गैंगस्टर का नाम रुपिंदर गांधी था। रुपिंदर के बारे में पंजाब में लोग दो राय रखते हैं। जहां युवा उसे यूथ आइकन मानते थे तो वहीं उसके गांव और आसपास के इलाके में उसे गरीबों का मसीहा कहा जाता था। हालांकि, पुलिस रिकॉर्ड में वह पंजाब के कुख्यात गैंगस्टर्स में एक था।

पंजाब की खन्ना तहसील के गांव रसूलरा में 2 अक्टूबर 1979 को रुपिंदर सिंह औजला का जन्म हुआ। गांधी जयन्ती के दिन पैदा होने के कारण पिता ने उसका नाम रुपिंदर गांधी रख दिया। रुपिंदर बड़ा हुआ तो स्कूल में बढ़िया छात्र रहा और साथ ही फुटबाल का राष्ट्रीय स्तर का शानदार खिलाड़ी भी था। उच्च शिक्षा के लिए रुपिंदर पंजाब यूनिवर्सिटी पहुंचा, जहां उसने गांधी ग्रुप ऑफ स्टूडेंट्स यूनियन का संगठन बनाकर छात्र नेता के तौर पर अपनी पैठ बना ली।

पंजाब में रुपिंदर गांधी को लोग यूथ आइकन मानते थे। उसकी फैन फॉलोइंग का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता था कि पंजाब और चंडीगढ़ के विश्वविद्यालय और कॉलेजों में गांधी ग्रुप ऑफ स्टूडेंट्स यूनियन (GGSU) से तीन लाख से अधिक छात्र जुड़े थे। वह 22 साल की उम्र में साल 2001 में सरपंच भी बन गया था। जहां गांधी गांव के लोगों के लिए सीधा-साधा, सबकी मदद करने वाला रुपिंदर था तो वहीं रसूलरा गांव से बाहर रहने वालों के लिए वह एक कुख्यात गैंगस्टर था।

रुपिंदर के बारे में कई लोग मानते हैं कि जब भी वह गांव आता तो सभी को बड़ा सम्मान देता, लड़कियों की शादी में पैसे खर्च करता और छात्रों की मदद करता था। वहीं सरपंच के तौर पर भी अपनी जिम्मेदारियां निभाता था। हालांकि, कुछ का मानना था कि भले ही वह गांव में हथियारों के साथ न दिखा हो लेकिन उसके लिए सभी के मन में एक डर था, इसलिए उसके खिलाफ चुनाव में किसी ने पर्चा ही नहीं भरा था।

रुपिंदर के करीबी बताते हैं कि छात्र नेता व सरपंच बनने के बाद उसकी जिंदगी बदल गई थी। जहां एक तरफ वह प्रशंसक बना रहा था तो वहीं जुर्म और राजनीति के कुछ लोग उसकी लोकप्रियता को रास्ते का रोड़ा समझने लगे थे। इसके अलावा झगड़ों को मारपीट से सुलझाने और हिंसक गैंगवार के चलते गांधी के खिलाफ चंडीगढ़ व अन्य जगहों पर उसके खिलाफ कई आपराधिक केस दर्ज थे।

साल 2003 में 5 सितंबर की तारीख थी, दोस्त के साथ स्कूटर पर जा रहे रुपिंदर का समराला रोड पर अपहरण कर लिया गया। इसके बाद सलूदी गांव में उसकी हत्या कर दी गई। हत्या के 10 दिन बाद उसका शरीर भाखड़ा नहर में पाया गया था। उसके हाथ-घुटने टूटे हुए थे और शरीर पर दो गोलियां मारी गई थी। इसके बाद रुपिंदर गांधी की हत्या में 11 लोगों का नाम सामने आया था, जो प्रदेश की अलग-अलग जेलों में हैं।

वहीं, रुपिंदर गांधी के भाई मनमिंदर पर भी साल 2007 में हत्या के प्रयास के लिए मामला दर्ज किया गया था, जब उन्होंने गांधी हत्या मामले के मुख्य आरोपी लखी को गोली मार दी थी। हालांकि, 20 अगस्त 2017 में मनमिंदर गांधी की भी हत्या कर दी गई थी। मनमिंदर पर भी करीब 8 हत्या के प्रयास के मामले दर्ज थे।